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Vishu Tiwari

Inspirational

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Vishu Tiwari

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पहचान है हिन्दी

पहचान है हिन्दी

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हिन्द की धरा की तो पहचान है हिन्दी।

हर भारतीय के लिए इक शान है हिन्दी।

सारे जहां से अच्छा जो भारत महान है-

भारत की भूमि पर गीता कुरान है हिन्दी।।


रस छंद अलंकार से सजती रही हिन्दी।

वीर रस में लिखते तो तलवार भी हिन्दी।

रूप रंग प्रेम भाव में श्रृंगार कर सजी-

निर्मल हृदय की इक सुविचार भी हिन्दी।।


भारतेंदु की गंगा तो केशव की कालिंदी।

वात्सल्य से भरी हुई माथे की ये बिंदी।

सरयू बनी ये बहती मानस में तुलसी के-

यमुना चरण पखारे ,सूर-श्याम की हिन्दी।। 


संवेदनाओं की सदा अनुगूंज है हिन्दी,

भारती  के भाल पर एक पुंज है हिन्दी,

आन मान  शान और  जान है  हिन्दी

गर्वीली मातृभाषा में अभिगुंज है हिन्दी।।


सामाजिक समरसता की, पहचान ये हिन्दी

विज्ञान ज्ञान ध्यान की बनी है जान ये हिन्दी

अखण्डता समग्रता रखती, मिटाए विषमता

भाषाओं में इक स्वर में संविधान है ये हिन्दी।।


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