एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार। एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार।
सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की। सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की।
मूर्ख है वह मनुष्य जो इस सौगात से बचता है। मूर्ख है वह मनुष्य जो इस सौगात से बचता है।
साझा मल्हार भीगा मल्हार फीका मल्हार। साझा मल्हार भीगा मल्हार फीका मल्हार।
इंद्रधनुष के रंगों जैसी होती मेरी दुनिया, इस डाली से उस डाली पर होता मेरा बसेरा इंद्रधनुष के रंगों जैसी होती मेरी दुनिया, इस डाली से उस डाली पर होता ...
सृजन के कुछ पल पाये भी हैं हँसी के कुछ फूल खिलाए भी हैं। सृजन के कुछ पल पाये भी हैं हँसी के कुछ फूल खिलाए भी हैं।