कहो सुनो समझो समझाओ
कहो सुनो समझो समझाओ
रिश्तों से रिस कर आती हैं जीवन में रस की धाराएं
रिश्तों में ही छिपी हुई हैं बड़ी-बड़ी अनकही कथाएं।
रीत गया रस जिन रिश्तों से सुख का स्रोत सूख जाएगा
दिल में दर्द दबाए जीवन, जीवन-राग भूल जाएगा।
कहो सुनो समझो समझाओ खुद ही गांठ खुलेंगीं मन की
सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की।