खुशियों भरी होली
खुशियों भरी होली
आया होली का त्यौहार, लिए रंगों की बौछार।
मदमस्त हुए सभी नर -नारी, करते प्रेम भरा व्यवहार।।
ना दुनिया की है कोई खबर, ढूँढ रहे सब अपने यार।
हर कोई अपने धुन में रमता, बैठे होली खेलन को तैयार।।
खुशियों भरे चेहरे तो देखो, मिलने को हैं कितने बेकरार।
रंग खेल कर गले हैं मिलते, आया होली का पावन त्यौहार।।
मतभेदों को सब दूर हैं करते,करते सब से प्रेम पुकार।
रंग बिरंगे चेहरे तो देखो, रंग बिरंगा दिखता संसार।।
किसी को पसन्द अबीर- गुलाल की, किसी को पिचकारी की धार ।
कोई ढूँढता अपने हमजोली, किसी को है किसी का इंतजार।।
रंग ही रंग दिखलाई देता, जैसे फिर आई बसन्त बहार।
होली मिलन की छवि निराली, लुटाते खुशियाँ अपरम्पार।।
रंगों भरा पर्व यही है सिखलाता, खुशियों से भरा हो घर- परिवार।
"नीरज" तो बैठा उनको रंगने को, जिनको है प्रेम रंग से प्यार।।
