सदियों पुराना हिन्दुस्तान हूं
सदियों पुराना हिन्दुस्तान हूं
अतुल्य हूं,अमिट हूं, चट्टान हूं गौर से देखो ,
मैं वहीं सदियों पुराना हिन्दुस्तान हूं।
मिटाने आये ना जाने कितने,
देख लो मै उनका श्मशान हूं।
कितनी सभ्यता आयी और समा गई मुझे मे,
मै स्वयंम में ब्रह्मांड हूं।
पूछो अपने दिलों से,मै तुम्हारी जान हूं।
मैं वहीं सदियों पुराना हिन्दुस्तान हूं।
साधुओं की जन्मभूमि, योद्धाओं की कर्मभूमि,
पापियों का विनाश हूं ,निरंतर होता विकास हूं।
अनन्त अतीत और सुनहरा भविष्यकाल हूं,
मैं वहीं सदियों पुराना हिन्दुस्तान हूं।
आये कोई भी महाप्रलय डरना मत ,
क्योंकि मैं तुम्हारा निवास स्थान हूं।
मिलकर लड़ो जैसे लड़े हो सदियों से,
अखण्ड हूं, एकता की मिसाल हूं।
मैं वही सदियों पुराना हिन्दुस्तान हूं।
आंख मिलने दो भस्मासुर को,
मिलकर बनोगे तुम सब शक्ति,
और उसका विनाश ।
महापुरुषों की समाधि हूं,
कभी ना मिटने वाली आंधी हूं।
सर्वत्र गुंजने वाला राग हूं।
अगर लगे संदेह तो ध्यान रखना,
अतुल्य हूं,अमिट हूं, चट्टान हूं गौर से देखो ,
मैं वहीं सदियों पुराना हिन्दुस्तान हूं।
