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आनंद कुमार

Inspirational

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आनंद कुमार

Inspirational

कुछ लोग ऐसे भी

कुछ लोग ऐसे भी

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कुछ साहिल को तरस गए,

कुछ मंज़िल को तरस गए।

कुछ मझधार में कहीं बह गए,

कुछ तूफ़ानों के डर से एक जगह जमे रह गए।


कुछ को रास्ते नहीं मिले,

कुछ रास्ते में ही भटक गए।

कुछ सपनों को बुनते रह गए,

कुछ के अरमान ग़रीबी में ही ढह गए।


कुछ की मजबूरियाँ मेहनत पर भारी हैं,

कुछ ने ज़िम्मेदारियाँ बचपन से ही संभाली हैं।

कुछ ने हालातों से अभी भी हार नहीं मानी है,

कुछ ने दुनिया से कुछ अलग ही करने की ठानी है।


कुछ ने कुंदन की तरह तपकर खुद को सोना बनाया है,

कुछ ने रातों को मेहनत करके अपने सपनों को कमाया है।

कुछ कामयाबी को पाने के लिए आज भी भाग रहे हैं,

अपने सपनों को पाने के लिए वक़्त पे वक़्तदं जाग रहे हैं।


कुछ युद्ध-क्षेत्र में लड़ गए,

कुछ विजय-पथ पर आगे बढ़ गए।

कुछ आज़ादी के लिए सूली पर चढ़ गए,

कुछ देश के दुश्मनों से निहत्थे ही भिड़ गए।


कुछ ने बलिदान देकर अमरत्व पाया है,

कुछ ने स्वाधीनता का मूल्य अपने ख़ून से चुकाया है।

कुछ की साँसें सीमा-सुरक्षा में बलिदान हो गईं,

कुछ की आहें मरते-मरते भी “जय हिन्द” कह गईं।


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