चलो अकेले में रो लेते हैं
चलो अकेले में रो लेते हैं
लड़के हैं, चलो अकेले में रो लेते हैं,
बहुत दिल दुखाया है दुनिया ने,
चलो आज फिर मुंह धो लेते हैं।
कुछ दर्द छुपे हैं इस सीने में,
चलो उन्हें अपने में ही पी लेते हैं
बहुत कुछ कहती है दुनिया रोज़,
चलो हंस कर सह लेते हैं।
आज अपने आज से लड़ रहे हैं,
कल अपने कल से भी लड़ना है।
हमारी दुनिया ऐसी ही है,
हमें ऐसे ही आगे बढ़ना है।
कभी दिल टूट गये, कभी ख्वाब रूठ गये।
कभी अपने हमसे कहीं छूट गये।
मगर क्या करें,
लड़के हैं चलो अकेले में रो लेते हैं।
रोज खुद में मरते हैं,
रोज अपनों के लिए मरते हैं।
अब थोड़ा सुकून से रह लेने दे,
अब तो यारों कम से कम अकेले में रो लेने दें।
कभी अपने मुसीबत में अकेला छोड़ गये,
कभी कुछ लोग बीच राह में दिल तोड़ गये।
मगर हम फिर भी अपने में खुश रह लेते हैं,
लड़के हैं, चलो हम अकेले में रो लेते हैं।
हमारी कौन सुनता है, हमें कौन मानता है,
चलों अपने में ही चुप रह लेते हैं।
दर्द है कुछ, खुद से ही कह लेते हैं,
समझदार है शायद,
इसलिए चलो अकेले में रो लेते हैं।
