मैं मिलूंगा
मैं मिलूंगा
हूँ रक्तरंजित, लहूलुहान-सा,
हूँ ख़ुद में डूबा हुआ, परेशान-सा।
मगर मैं फिर भी लक्ष्य में मग्न मिलूँगा,
अगर ज़मीं पर खींचोगे लकीरें,
तो मैं गगन में मिलूँगा।
अगर ढूँढ़ोगे मुझको दिल से,
तो मैं स्वप्न में मिलूँगा।
तुम इरादा करो साथ चलने का,
तो मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।
