आज फरिश्ते भी हमारी किस्मत पर नाराज़ हैं,भाग्य बदलने की ताकत जो टूट गयी उनकी। आज फरिश्ते भी हमारी किस्मत पर नाराज़ हैं,भाग्य बदलने की ताकत जो टूट गयी उनकी।
आशा के बादल...। आशा के बादल...।
कमल तेरी फिज़ूल कलम से...। कमल तेरी फिज़ूल कलम से...।
खिड़की...। खिड़की...।
पता नहीं क्यों...! पता नहीं क्यों...!
ज़िंदगी...। ज़िंदगी...।