पता नहीं क्यों...! पता नहीं क्यों...!
ज़िंदगी...। ज़िंदगी...।
औरत के जैसा, गुण किसी में नहीं, मिला इन्हें कुदरत का, करिश्मा है... औरत के जैसा, गुण किसी में नहीं, मिला इन्हें कुदरत का, करिश्मा है...
बिना परिश्रम किए, कभी भी हार मान मत। बिना परिश्रम किए, कभी भी हार मान मत।
गर एक क्षण भी मिला नहीं हूँ, फिर सौ बार मिलूँगा मैं... गर एक क्षण भी मिला नहीं हूँ, फिर सौ बार मिलूँगा मैं...
कुछ बंदिशे हैं अभी ज़िन्दगी में, कल खुले आसमान में उड़ना है हमें...! कुछ बंदिशे हैं अभी ज़िन्दगी में, कल खुले आसमान में उड़ना है हमें...!