सिर्फ समझा न गया, तो"स्त्री" का "स्त्री" होनाजो उसकी एकमात्र पहचान थी। सिर्फ समझा न गया, तो"स्त्री" का "स्त्री" होनाजो उसकी एकमात्र पहचान थी।
अपनी जगह ढूंढ रही हूँ मैं...। अपनी जगह ढूंढ रही हूँ मैं...।
अरे भाई ! आपकी अपनी पत्नी है अर्धांगनी है, धर्मपत्नी है फिर क्यो सोलहवीं सदी की बात करते हो ? अरे भाई ! आपकी अपनी पत्नी है अर्धांगनी है, धर्मपत्नी है फिर क्यो सोलहवीं सदी की ...
नारी - उत्थान नारी - उत्थान
और जीती हूँ जीवनभर शालीनता के पिंजरे में घुट-घुट कर | और जीती हूँ जीवनभर शालीनता के पिंजरे में घुट-घुट कर |
बस इतना सा जतन कर लो, वो पाँच दिन सहन कर लो। बस इतना सा जतन कर लो, वो पाँच दिन सहन कर लो।