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Shaurya Parmar

Inspirational

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Shaurya Parmar

Inspirational

पता नहीं क्यों ?

पता नहीं क्यों ?

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पता नहीं क्यों

आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है,

पता नहीं क्यों

ये प्रवास बढ़ता जा रहा है,

सब में क्यों निमित बन रहा हूँ मैं ?

लगता है,

कुछ ख़ास बढ़ता जा रहा है,


मुसीबतें कितनी आईं,

बाधाएँ कितनी लाईं,

ना रुकता हूँ,

ना झुकता हूँ,

कोई उजास बढ़ता जा रहा है,


मैं जानता हूँ,

प्रयास अविरत होंगे,

तो हार नहीं देखोगे,

यूं ही पथ पर चलते - चलते,

जल, ज़मीन, वायु, व्योम,

नया आवास बढ़ता जा रहा है,


अकेला देखकर,

अकेला मत समझना,

कोई है, जो पास है,

सत्य, सातत्य, सौम्य, शौर्य,

हरदम प्रयास बढ़ता जा रहा है,


पता नहीं क्यों...!




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