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Shaurya Parmar

Abstract

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Shaurya Parmar

Abstract

क्या खोना है क्या पाना है?

क्या खोना है क्या पाना है?

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क्या खोना क्या पाना है?

आना है और जाना है,


कैसी भी हो जिंदगी,

गीत नया गाना है,


विषम परिस्थितियों में भी,

नहीं डगमगाना है,


अंधेरा हो चाहे कितना भी,

बस नया सवेरा लाना है,


चलते चलते रहो में,

दुःखीओ को हसाना है,


बाधाएं चाहे जितनी आए,

सामने रहकर मुस्कुराना है,


ऐसे ही धीरे धीरे एक दिन,

मिट्टी में मिल जाना है,


मानो या ना मानो ये बात,

हम सबका एक ही ठिकाना है।



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