कुछ करना है।
कुछ करना है।
ना किसी से कुछ कहना है,
ना किसी की बात सुनना है,
ये जिंदगी मेरी है,
बस मुझे ही चलना है,
ना में कमजोर हूं,
ना वक्त कमजोर है,
यह सफलता के बीच की,
अदृश्य डोर है,
आज तक दिलों में रहा हूं,
अंत तक रहना है,
ना डराओ पाप पुण्य से,
में मेरे करम जानता हूं,
ना डराओ मुझे शून्य से,
में मेरे करम जानता हूं,
सत्य की राह पर है,
तो फिर क्यों डरना है ?
सुख दुःख,दुःख सुख,
परिवर्तन जरूरी है,
जा के आना,आ के जाना,
परावर्तन जरूरी है,
कौन यहां अमर है?
तुझे भी मरना है,
मुझे भी मरना है,
अभी कहा मरा हूं,
में तो जिंदा हूं,
और जिंदा हूं तो जिंदा हूं,
बिना परों का परिंदा हूं,
अरमान इतना ही है कि,
मरने से पहले कुछ करना है।