इंसानियत के बारे में एक कविता...। इंसानियत के बारे में एक कविता...।
मौसम...। मौसम...।
इंसान भटकता जा रहा...। इंसान भटकता जा रहा...।
काट दी रात हमने ! काट दी रात हमने !
तुम में क्या मानव सो गया है ? इतिहास की तरह पन्नो में खो गया है...? तुम में क्या मानव सो गया है ? इतिहास की तरह पन्नो में खो गया है...?
मेरे जैसा अच्छा इंसान आजतक किसी को नहीं मिला...! मेरे जैसा अच्छा इंसान आजतक किसी को नहीं मिला...!