सिर्फ समझा न गया, तो"स्त्री" का "स्त्री" होनाजो उसकी एकमात्र पहचान थी। सिर्फ समझा न गया, तो"स्त्री" का "स्त्री" होनाजो उसकी एकमात्र पहचान थी।
वो कौन है जिसे हर वक्त मेरा एहसास होता है। जिसका मुझे हर वक्त एहसास रहता है...। वो कौन है जिसे हर वक्त मेरा एहसास होता है। जिसका मुझे हर वक्त एहसास रहता है...।
दोस्त तो परछाई है ! और दुनिया वादों की क़ायनात है... दोस्त तो परछाई है ! और दुनिया वादों की क़ायनात है...
मेरे जैसा अच्छा इंसान आजतक किसी को नहीं मिला...! मेरे जैसा अच्छा इंसान आजतक किसी को नहीं मिला...!
हाँ तुम्हें पहचाना ज़रूर पूर्ण या आंशिक। हाँ तुम्हें पहचाना ज़रूर पूर्ण या आंशिक।
कुछ देखना या केहना, या सिर्फ चुप भी रेहना सब कुछ है मेरी गलती, इन सांसों का भी चलना कुछ देखना या केहना, या सिर्फ चुप भी रेहना सब कुछ है मेरी गलती, इन सांसों का भी ...