मौसम...। मौसम...।
इंसान भटकता जा रहा...। इंसान भटकता जा रहा...।
बदलते समय के साथ बदलते रिश्तों के बारे में एक कविता...। बदलते समय के साथ बदलते रिश्तों के बारे में एक कविता...।
खुदगर्ज़...। खुदगर्ज़...।
दिल तोड़कर किसी का मुस्कराते हैं लोग...! दिल तोड़कर किसी का मुस्कराते हैं लोग...!
जब “मैं-मैं” करने वाला ‘मैं’ कुछ नहीं कर पाता, फिर दिल की गहराई से ख़ुदा को याद करता हूँ। जब “मैं-मैं” करने वाला ‘मैं’ कुछ नहीं कर पाता, फिर दिल की गहराई से ख़ुदा को याद क...