ज़िंदगी
ज़िंदगी
घर बैठे जो कोसते हैं किस्मत अपनी
नहीं मिलती कभी मंज़िल उनको।
मेहनत कर ! ज़िन्दा रख उम्मीदों को
उसका भी हल मिलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा।
हौसला रख, मेहनत कर !
बंजर ज़मीन को पानी दे, उस पर भी फल निकलेगा
आज नहीं तो कल निकलेगा।।
घर बैठे जो कोसते हैं किस्मत अपनी
नहीं मिलती कभी मंज़िल उनको।
मेहनत कर ! ज़िन्दा रख उम्मीदों को
उसका भी हल मिलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा।
हौसला रख, मेहनत कर !
बंजर ज़मीन को पानी दे, उस पर भी फल निकलेगा
आज नहीं तो कल निकलेगा।।