कमल तेरी फ़िजूल कलम से...
कमल तेरी फ़िजूल कलम से...
सबको सुन रहा हूँ बुलंदियाँ छूते,
तुम्हें भी सुुुनूँ कुछ तुम भी आस लिखो।
शुभकामनाएँ हैं कि बढ़ चलो तुुम,
उठो इतना कि सफलता का आकाश लिखो।।
सबको सुन रहा हूँ बुलंदियाँ छूते,
तुम्हें भी सुुुनूँ कुछ तुम भी आस लिखो।
शुभकामनाएँ हैं कि बढ़ चलो तुुम,
उठो इतना कि सफलता का आकाश लिखो।।