नेता जी आए हैं
नेता जी आए हैं
सफेद कुर्ता और सिर पे टोपी लगाए हैं।
पहचानो जरा, अरे नेता जी आए हैं।
इतने दिन कहाँ रहे होंगे?
मजे में रहे, जहाँ रहे होंगे।
जनता बाट जोहती रही
क्षेत्र का विकास टोहती रही,
कब आना था और कब वे आए हैं?
पहचानो जरा, अरे नेता जी आए हैं।
कल तक रौब में थे रहते
आज हर ताना प्रेम से सुनते।
हाथ जोड़े दर दर जा रहे
सम्बन्ध जनता से बना रहे।
भाषणों से फिर वे जनता को बहकाए हैं।
पहचानो जरा, अरे नेता जी आए हैं।
क्या काम किया है?
क्या काम करेंगे ..
हम तो झूठे वादे करेंगे
पूरे अपने इरादे करेंगे।
राजनीति में विकास अपना बस करने आए हैं।
पहचानो जरा, अरे नेता जी आए हैं।
जनता की किसको पड़ी है
पास अपने सुविधाएं खड़ी है।
हम अपनी तो पेंशन लेंगे
और जनता को टेंशन देंगे।
यही किया है और यही करते आए हैं।
पहचानो जरा, अरे नेता जी आए हैं।
जन मुद्दों से सरोकार नहीं
जनता के हितैषी पैरोकार नहीं।
तरह तरह का ये लोभ दिखाएंगे
जनता का पैसा खुद वे खाएंगे।
झूठ, छल, पाखंड ये जिनकी विशेषताएं हैं।
पहचानो जरा, अरे नेता जी आए हैं।