एक पाती प्यार भरी
एक पाती प्यार भरी
देखा है तुझे जबसे
लगता है मैं खोने लगा हूँ ।
कितनों ने बनाया होगा अपना
पर तेरा मैं होने लगा हूँ ।
तेरा मुस्कुराना पलकें झुकाना
जादू सा मुझपे छाने लगा है ।
न बतिया किसी गैर से तू..
दिल तुझे अपना बनाने लगा है ।
तू सांसे बन गई मेरी जिन्दगी की
अब संग तेरे ही चलने लगा हूँ ।
तू माने या न माने तू तकदीर मेरी
मैं तेरा मुकददर बनने लगा हूँ ।
तुम बिन न हो जाऊँ पतझड़ कहीं
तेरे एहसास से खिलने लगूँगा ।
कभी तू सोचे मेरे बारे में ऐसा
उतर के दिल में मिलने लगूँगा ।
तुझे चाहना और तुझे पाना
कोई क्या जाने क्या करूँगा ।
तेरे 'प्रेम' का मैं अभिलाषी
पाया भी करूँगा न पाया भी करूँगा ।