मेरे लिए देश सर्वोपरि है, मैं अपना व्यवहार क्रूर नहीं करता मेरे लिए देश सर्वोपरि है, मैं अपना व्यवहार क्रूर नहीं करता
तुम्हें पता है मैं तुम बिन कैसे जीता हूँ ? हाँ पल-पल खूं के आंसू रोता हूँ। तुम्हें पता है मैं तुम बिन कैसे जीता हूँ ? हाँ पल-पल खूं के आंसू रोता हूँ।
मैं कोई और नहीं हाँ मैं निर्धन हूँ हाँ मैं निर्धन हूँ। मैं कोई और नहीं हाँ मैं निर्धन हूँ हाँ मैं निर्धन हूँ।
इंसानियत रग रग में हो, उससे अपना पेमेंट माँग आयी इंसानियत रग रग में हो, उससे अपना पेमेंट माँग आयी
दुनिया की इस भीड़ में ना ही है कोई अपना दुनिया की इस भीड़ में ना ही है कोई अपना