जब इंसान ही करते सिर्फ़ अपने मन की। जब इंसान ही करते सिर्फ़ अपने मन की।
इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस। इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस।
हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं। हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं।
तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! एक दिन कोई तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! ...
मानवता क्यों आज थमी है, नयनों में भी भरी नमीं है। मानवता क्यों आज थमी है, नयनों में भी भरी नमीं है।
तनिक जरा उनकी बात सुने, कुछ उनकी भी पीड़ा को, आज कुछ तो कम करें।। तनिक जरा उनकी बात सुने, कुछ उनकी भी पीड़ा को, आज कुछ तो कम करें।।