बदलेगी क्या इस उम्र में मेरी चालढ़ाल ? उफ क्यूँ फिर आ गया ये नया साल ! बदलेगी क्या इस उम्र में मेरी चालढ़ाल ? उफ क्यूँ फिर आ गया ये नया साल !
शिकवे और शिकायत तो हर रिश्ते में होती है। शिकवे और शिकायत तो हर रिश्ते में होती है।
अब अपने नाम का सिक्का जमाना चाहता हूँ मैं। अब अपने नाम का सिक्का जमाना चाहता हूँ मैं।
जबकि हूँ मैं आप ही के समाज का हिस्सा। जबकि हूँ मैं आप ही के समाज का हिस्सा।
तुम बिन मेरे जीवनसाथी जीवन का संगीत अधूरा। तुम बिन मेरे जीवनसाथी जीवन का संगीत अधूरा।
हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं। हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं।