अब अपने नाम का सिक्का जमाना चाहता हूँ मैं। अब अपने नाम का सिक्का जमाना चाहता हूँ मैं।
उफ़ ! ये तेरे अनोखे खेल, क्या खूब खेल खेला। उफ़ ! ये तेरे अनोखे खेल, क्या खूब खेल खेला।
नींबू ख़ूब सजाऐ.. नींबू ख़ूब सजाऐ..
एक मुर्दे ने दूजे मुर्दे से पूछा एक मुर्दे ने दूजे मुर्दे से पूछा
इसलिए बूढ़े -बड़े इंसान कहते हैं खूब खाओ और खूब खेलो, खुद का रास्ता तुम खुद बनाओ। इसलिए बूढ़े -बड़े इंसान कहते हैं खूब खाओ और खूब खेलो, खुद का रास्ता तुम खु...
कभी नहीं आ पायेंगे जो, कभी किसी दिवाली में।। कभी नहीं आ पायेंगे जो, कभी किसी दिवाली में।।