जबकि हूँ मैं आप ही के समाज का हिस्सा। जबकि हूँ मैं आप ही के समाज का हिस्सा।
दोस्त वो, मालिकों को तो शक्ल देखना भी पसंद नहीं. दोस्त वो, मालिकों को तो शक्ल देखना भी पसंद नहीं.
कौन किसका होता है कितने भी लांछन लगे कौन किसका होता है कितने भी लांछन लगे
I am deleting my poems. I am deleting my poems.
तो क्यूं किसि के दिल के साथ खेलते हैं ? उनके नाम खराब करते हैं ? तो क्यूं किसि के दिल के साथ खेलते हैं ? उनके नाम खराब करते हैं ?
हो न रहा हो मिलन तो निकलती है सिसकी हो न रहा हो मिलन तो निकलती है सिसकी