मै वसुकार सद्कवि हूं मानवता का बस.... मानवता को प्रतिष्ठित करना ही मेरे जीवन का ध्येय है। *** प्रेमदास वसु सुरेखा ***
लड़की ने भूत से पूछा की उसकी बारी क्या है। लड़की ने भूत से पूछा की उसकी बारी क्या है।
पर असल में ऐसा कुछ नहींं, अब भी कह ही पता नहीं। पर असल में ऐसा कुछ नहींं, अब भी कह ही पता नहीं।
धन्य है तू बेटी और धन्य है तेरा बेटा माँई पानी पी लेती है और अपने बेटे को भी पिलाती है धन्य है तू बेटी और धन्य है तेरा बेटा माँई पानी पी लेती है और अपने बेटे को भी पिल...