तेरा मेरा क्या नाता है न मैं समझा हूँ न किसी को ये समझा पाता हूँ तेरा मेरा क्या नाता है न मैं समझा हूँ न किसी को ये समझा पाता हूँ
शिकवे और शिकायत तो हर रिश्ते में होती है। शिकवे और शिकायत तो हर रिश्ते में होती है।
दूसरे तो क्या वो ख़ुदा भी नहीं करता मुझसे रार। दूसरे तो क्या वो ख़ुदा भी नहीं करता मुझसे रार।
अब विदाई का समय आ गया है तो, मेरे साथ आँख मिचौली खेल रहा है तू, मुझे खबर है और कुछ नहीं बस, मुझे ... अब विदाई का समय आ गया है तो, मेरे साथ आँख मिचौली खेल रहा है तू, मुझे खबर है और...
जिसकी जगह भी तुमने ले ली उसका शुक्रिया अदा करना चाहूँगी। जिसकी जगह भी तुमने ले ली उसका शुक्रिया अदा करना चाहूँगी।
अकाट्य बंधन में मैं आकंठ डूबी रहना चाहती हूँ ! अकाट्य बंधन में मैं आकंठ डूबी रहना चाहती हूँ !