भीड़
भीड़
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दुनिया की इस भीड़ में
मेरा अपना अस्तित्व हैं
दुनिया की भीड़ में
सोचने की शक्ति नही होती
नहीं होती कोई पहचान
भीड़ में छुपे चेहरों की
इस भीड़ से होकर जुदा
विचार मेरे स्वंतत्र हैं
इस भीड़ से बाहर निकल
चेहरा मेरा कुछ अलग है
दुनिया की इस भीड़ में
ना ही है कोई अपना
ना है कोई सरोकार
ना ही कोई सपना
इस भीड़ से होकर अलग
कुछ चेहरे मेरे अपने है
इस दुनिया से जुड़े मेरे
कुछ सरोकार है
इस दुनिया को बदलने
वाले मेरे कुछ सपने हैं
दुनिया की इस भीड़ में
मेरी दुनिया विशिष्ट हैं
दुनिया की इस भीड़ में
मेरा अपना अस्तित्व है
