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आनंद कुमार

Inspirational

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आनंद कुमार

Inspirational

मैं

मैं

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समुंदर हूं मैं, 

ऐसे हाथों में,

 यूं, मैं भर नहीं सकता।


तूफानों की कश्ती हूं मैं,

ऐसे छोटी-मोटी आंधियों से,

यूं , मैं डर नहीं सकता।


चट्टान हूं मैं,

ऐसे छोटे-मोटे वारो से,

यूं , मैं बिखर नहीं सकता।


रहस्य हूं मैं,

ऐसे सब के लिए,

यूं , मैं दिल खोलकर रख नहीं सकता।


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