बहुत कोशिश की
बहुत कोशिश की
बहुत कोशिश की हैं तुझे भुलानें की,
मैं करता रहूंगा।
आसान नहीं हैं ख़ुद से लड़ पाना ,
मैं लड़ता रहूंगा।
आज़ अनायास फ़िर तूं याद आ गईं,
फ़िर इन लवो पर तेरी बात आ गई।
मैं तेरी बात ख़ुद से करता रहूंगा।
मगर तूं फ़िक्र मत कर,
मैं मर रहा हूं खुद में, मैं मरता रहूंगा।
आसान नहीं है तुझे भुलाना,
तूं कुछ नहीं है अब मेरी, यें खुद को बताना।
यें बात में खुद से करता रहूंगा।
दर्द है तूं मेरे दिल का,
मैं तड़पता रहूंगा।
तूं मेरी यादों में जिंदा है,
मगर मैं तेरे लिए रोज घुट-घुट कर मरता रहूंगा।
मैं सही था अपनी जगह,
मगर फिर भी मैं खुद पर बिगड़ता रहूंगा।
जिंदा हूं मैं,
मगर फिर भी रोज तेरे लिए मरता रहूंगा।
----------आनन्द

