मैं और वो क्रिसमस में
मैं और वो क्रिसमस में
बाहर बर्फ पड़ रही थी,
तापमान बहुत गिरा हुआ था,
पियानो पर,
जिंगल वैलज जिंगल वैलज,
बज रहा था,
शैंपेन के,
जाम पर जाम,
डूल रहे थे,
वो मेरी बाहों में,
मैं उसकी बांहों में,
क्रिसमस ट्री के चारों और,
दोनों थिरक रहे थे।
यीशू प्यार के देवता के,
आने की खुशी में,
चारों तरफ,
मुहब्बत ही मुहब्बत,
बह रही थी।
मैं उसकी,
आंखों में गुम था,
वो मेरी आंखों में,
डुबी हुई थी,
ऐसा लगता,
समय ठहर सा,
गया था।
मैं सब भूल चुका था,
बस उसकी बांहों में,
खो चुका था,
कभी कभी वो,
आंखें बंद करती थी,
मानो हमारे,
प्यार की,
स्वीकृति देती हो।
मैंने भी दिल से,
हां कह दी,
शायद प्यार के देवता की,
यही मर्जी थी।