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Prem Bajaj

Romance

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Prem Bajaj

Romance

बाकी है

बाकी है

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बाकी है 


कहां थका हूॅं अभी मैं, अभी इरादों में सांस बाकी है,

कहां बुझे हैं दिये उम्मीद के अभी इनमें आस का तेल बाकी है,

कहां बैठ पाऊंगा चैन‌ से मैं लेने पर दो पल को ठंडी सांस,

अभी मेरा चल रहा जो ये सफ़र बाकी है,


मौत से भी तो अभी वक्त ही कहां मिला मुझे गुफ्तगू करने का,

ज़िन्दगी का अभी बहुत क़र्ज़ चुकाना बाकी है,

उस खुदा के सवालों का जवाब भी मैं दे दूंगा,

अभी तो धरती के खुदाओं के बहुत से सवाल‌ बाकी हैं,


अगले जन्म के लिए क्या पाप-पुण्य का लेखा-जोखा जोड़ूं,

अभी तो पिछले जन्म के पाप-पुण्य का हिसाब चुकाना बाकी है,

छोड़ो यारों क्या हिसाब-किताब लेकर बैठ गए हम,

अभी तो हिसाब-किताब का मतलब ही जानना बाकी है।


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