STORYMIRROR

Kajal Kumari

Romance

4  

Kajal Kumari

Romance

हम आंसू से 'प्रीत' लिखेंगे

हम आंसू से 'प्रीत' लिखेंगे

1 min
209

तुमको मैंने मन है हारा 

तेरी सुन्दर जीत लिखेंगे।

लेकिन जिस-दिन तुम विछुड़ोगे 

हम ऑसू-से-प्रीत लिखेंगे ।।


सब दिन का ना मिलन हमारा 

कैसा होगा जीवन-सारा 

उलझ-पुलझ कर बहु रस्मों से

सदैव  सत्य-प्रेम है हारा

काष्ठ-पिंजरा, 'सोना-पंछी',

'विवश-जिन्दगी', गीत लिखेंगे ।

लेकिन जिस-दिन तुम विछुड़ोगे,

हम 'ऑसू से प्रीत' लिखेंगे।।


तुम अंजाने बन जाओगे

मैं  अंजानी बन न सकूंगी

बेपरवाही  पर  तेरे  कुछ 

कह न सकूंगी,‌ रह न‌ सकूंगी

'तू डाल-डाल, मैं पात-पात,'

ये बातें हम सह न सकेंगे।

लेकिन जिस-दिन तुम विछुड़ोगे,

हम 'ऑसू से प्रीत' लिखेंगे।।


भागे - फिरते ‌ ना तुम रहना 

मत कुछ कहना, मत कुछ सुनना 

जब  भी  तेरी  राहों-गुजरें 

इक निगाह बस मुझको देना 

ये न हुआ तो समय-व्यूह में,

एक दिन सदा के लिए हम सोय-रहेंगे।

लेकिन जिस-दिन तुम विछुड़ोगे‌,

हम 'ऑसू-से-प्रीत' लिखेंगे।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance