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Dr Devendra Tomar

Romance

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Dr Devendra Tomar

Romance

जीवन की अंतिम बेला में..

जीवन की अंतिम बेला में..

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जीवन की अंतिम बेला में

जीवन गीत सुनाना तुमको।


सच है साथ नहीं रह पाया

मन की बात नहीं कह पाया।

इस जीवन की नदी धार में

हाथ पकड़कर ना बह पाया।

फिर भी साथ तुम्हारे जीकर

किन यादों के सागर पीकर।

किस मरुथल में जीवन काटा

आज यही समझाना तुमको।

जीवन की अंतिम बेला में

जीवन गीत सुनाना तुमको।


बना रहे विश्वास तुम्हारा

धरती पर आकाश तुम्हारा।

रहे तुम्हारा मन बासंती

मधुमासी अहसास तुम्हारा।

हर क्षण साथ तुम्हारे रहकर

पल-पल बाँह तुम्हारी गहकर।

किस पतझर में जीवन काटा

आज यही बतलना तुमको।

जीवन की अंतिम बेला में

जीवन गीत सुनाना तुमको।


रह ले कितना घना अंधेरा

लगा रहे जुगनू का डेरा।

सदा अंत में दीपक जीता

जीवित रहता सदा सवेरा।

हर मौसम हर ऋतु को सहकर

विपरीत हवा के संग बहकर।

किस मौसम में जीवन काटा

आज यही समझाना तुमको।

जीवन की अंतिम बेला में

जीवन गीत सुनाना तुमको।


जीवन की अंतिम बेला में

जीवन गीत सुनाना तुमको।



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