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Shayaris Hub

Romance

4.5  

Shayaris Hub

Romance

यादें

यादें

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आज फिर तेरी याद आई है,

ये बिन मौसम बरसात आई है,

हवाओं में कुछ पैगाम लाई है,

ना जाने क्यों धड़कनों में...

अजीब सी बैचेनी छाई है।

आज फिर तेरी याद आई है।


तु अनजान है फिर भी जान है ,

ना जाने क्यों तु ही अब नया मुकाम है।

हे बहोत इंसान मेरी जिंदगी में...

पर पता नहीं क्यूं सब अनजान है जब तु मेरे साथ है।


वजह होती है हर यादों की यू ही नही बन पाती है,

पर तेरी याद तो बेवजह ही पागल बना जाती है।

ना सामने होकर भी तू...

हर जगह तेरे साए मे ढाल जाती है।


याद हे ये तेरी जो हर वक्त बिन बुलाए पास आती है,

ना कुछ समझ पाता हु ना कुछ यादें बुन पाती है।

ये तो बस यादें हे...

जो कुछ ही देर मे ओजल हो जाती है। 


कहेता हूं तुमको ऐसे हमे याद ना आया करो,

यू बिन बुलाए पास ना आया करो।

कच्चे हे हम रिश्ते निभानें में...

यू बेमुकाम सा रिश्ता ना हमसे बनाया करो।


ऐसे ना हमको सताया करो,

ऐसे ना हमे याद आया करो।


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