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Shayaris Hub

Romance

3  

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दिल की आवाज़

दिल की आवाज़

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कुछ ना कहते लफ्ज़,

बेकरार दिल लिए बैठे हैं,

ना समझो तुम जुबान की बाते सच्ची,

वो दिल में लफ्ज़ ए तूफान लिए बैठे हैं,


सच्ची है दिल की बातें,

पर जुबा लफ्ज़ कहने में कच्ची है,

हुआ है एहसास उसे भी!

पर कमबख्त वो भी सुनने को तरसी है,


ना कह सकूं मै तुमसे,

ना हो पावे दिल ए इज़हार,

बयां में करू अपनी आंखों से,

अब और ना हो पाए इंतजार,


समझो इशारा कुछ इस तरह,

ना तुम कहो, ना हम कहे कुछ बात,

हुआ है प्यार तुमसे सच्चा,

समझ लो ये तुम आज ।



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