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Shayaris Hub

Abstract Romance Others

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खिड़की

खिड़की

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तन्हा तेरी यादों के सहारे,

खिड़की पे अपनी नज़र गड़ाए बैठे है,

हम तेरे प्यार में...!

एक आस लगाए बैठे है,


सपनों में फिर वो उजाला होगा,

आंखों के सामने जब चेहरा तुम्हारा होगा,

खिलेंगे फूल सपनों के आंगन में,

उसकी खुशबु का साक्षी दिल हमारा होगा,


आएगा ऐसा भी दिन,

जब तू संग हमारे होगा,

साथ हूँ मैं तेरे,

ये वादा तुम्हारा होगा,


कहा है तुमने आओगे जरूर,

ये ख्वाबों को हकीकत बनाओगे जरूर,

हम खिड़की पे नज़र गड़ाए बैठे हैं,

तुमसे उम्मीद लगाएं बैठे है।


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