STORYMIRROR

Aishani Raghav

Abstract

4  

Aishani Raghav

Abstract

बेनाम चित्रकार

बेनाम चित्रकार

1 min
640


वो प्यार और संघर्ष से बनाते हैं 

अपनी-अपनी कलाकृतियाँ

जिन्दगी के कैनवस पर

अनगिनत रंगों के उतार-चढ़ाव,

तूफ़ानों से जूझते हुये !


वो आँच भी नहीं आने देते 

अपनी कलाकृतियों पर

अंदर से ख़ुद कितने ही बेरंग हों

लेकिन भर देते हैं,

अपनी रचनात्मकता को

दुनिया के हर चटक रंग से

वो निस्वार्थ होम देते हैं 

अपनी ज़िन्दगी सारी

इसे भव्य और दिव्य बनाने के लिये !


माता पिता वो 'बेनाम चित्रकार' हैं

जो बनाते हैं 

दुनिया के सबसे बेहतरीन 

मास्टरपीस।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract