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Chhavi Srivastava

Abstract

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Chhavi Srivastava

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भाग्य का खेल

भाग्य का खेल

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हमारे साथ वही होता है,  

जो हमारे भाग्य में लिखा होता है। 

 

न किसी को कम मिलता है,  

न किसी को ज़्यादा मिलता है। 

जितना अपने भाग्य में लिखा है,  

वो जरूर अदा होता है।  

 

साथ दे अगर भाग्य किसी का,  

तो उसे आसमान पे बैठा देता है,  

नहीं तो ज़मीन पर धूल चटा देता है। 

 

भाग्य के खेल होते है बहुत निराले,  

पल में राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है।   

 

हमारे साथ वही होता है,  

जो हमारे भाग्य में लिखा होता है।    


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