विषाद पे कविता
विषाद पे कविता


विषाद भी बहुत जरूरी है जीवन में,
क्यूंकि वो सुख को परिभाषित करता है।
विषाद चलता है हर वक़्त मेरे साथ में ,
क्यूंकि अब यह मेरा दोस्त बन गया है।
विषाद तो उन पत्थरों के भी पास है,
जिन्हें तराश के देवता&
nbsp;बना दिया गया है।
विषाद तो जीवन का सार है ,
इसके साथ जीना हमको समझना है ।
अब लगता है ठीक ही कहा ग़ालिब ने,
कि बढ़ते - बढ़ते विषाद ही दवा बन जाता है।