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Chhavi Srivastava

Abstract

4.5  

Chhavi Srivastava

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धनवान

धनवान

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धनवान पे कविता  

  

स्वास्थ्य जिसका ठीक है,  

वो ही आज कल सबसे धनवान है,  

क्यूंकि स्वास्थ्य ही जीवन का आधार है,  

इसके बिना जीवन बेकार है।  

  

स्वस्थ्य रहना है हम सब का अधिकार,  

मिले हम सबको यही उपहार।  

  

योग - ध्यान को अपनायों तुम,  

प्रकृति का साथ निभायो तुम,  

स्वछता को अपनायो तुम,  

पौष्टिक आहार को अपनाओ तुम,  

खाना चबा - चबा के खाओ तुम , 

खाने के बाद टहलने जाए तुम,  

रोज़ ब्रश करके रात में सोने जाओ तुम।  

  

इसी प्रकार स्वस्थ्य रहकर,  

अपने आप को धनवान बनाओ तुम।  


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