ध्यान से देखना कभी, वो शायद आगे नहीं पीछे जा रहा है। ध्यान से देखना कभी, वो शायद आगे नहीं पीछे जा रहा है।
जब माँ सबरी से मिलने आए, प्रेम में डूब झूठे बेर थे खाए। भक्ति महिमा आपने था बताया, जब माँ सबरी से मिलने आए, प्रेम में डूब झूठे बेर थे खाए। भक्ति महिमा आपने था बत...
तो मेरे कल कल करते पानी से हर तरफ हरियाली ही हरियाली दिखे। तो मेरे कल कल करते पानी से हर तरफ हरियाली ही हरियाली दिखे।
तुम्हारी मूर्ति के समक्ष समर्पित होकर हम तुमसे अपनी प्रार्थना सुनाते हैं। तुम्हारी मूर्ति के समक्ष समर्पित होकर हम तुमसे अपनी प्रार्थना सुनाते हैं।
नव पंथ बनाएं परमार्थ में, निंदा-स्तुति पर न दें कभी ध्यान। नव पंथ बनाएं परमार्थ में, निंदा-स्तुति पर न दें कभी ध्यान।
धीमी गति बनाये रखो वरना हो सकती है टक्कर धीमी गति बनाये रखो वरना हो सकती है टक्कर