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SARMISTHA PATEL

Abstract

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SARMISTHA PATEL

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माँ

माँ

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 जिसने हमें जन्म दिया 

 जिसने हमें धरती में लाया

 वो जिसने हमें हाथ पकड़ कर चलना सिखाया। 


 माँ की अहमियत उसे पता होता है,

 जिसको माँ का प्यार नहीं मिलता है।


 माँ है तो सारा जहां है, 

 माँ के बिना सारा जहां भी अनजान है।

 माँ से बढ़कर कुछ भी नहीं, 

 खुद भी नहीं और खुदा भी नहीं।


 माँ की जगह न कोई पूरी कर सकता है,

 और न कोई पूरी कर पाएगा।


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