एशियन ओपनबिल (घोंघिल पक्षी)
एशियन ओपनबिल (घोंघिल पक्षी)
लंबी चोंच लंबी है टांग बगुले से बड़ा और सारस से छोटा,
एस्टार्क प्रजाति का है पक्षी यह,भोजन में घोंघा जो खाता,
बड़ी अनोखी बात खाली जगह होती इसके चोंच के बीच,
इसी कारण यह पक्षी ओपनबिल यानी घोंघिल कहलाता।
पर्यावरण के लिए यह उपयोगी मिट्टी को उपजाऊ बनाता,
घोंघा से बचाकर फसलों को, किसानों का मित्र कहलाता,
कॉलोनियों में बनाता ये घोंसला तिनका तिनका जोड़ कर,
बरगद पीपल इमली अशोक जैसे पेड़, इसके लिए चुनता।
मानसून का सूचक, बिहार नालंदा जिले को बनाए बसेरा,
फिर नवंबर के आखिरी महा तक ये पक्षी बदल लेता डेरा,
देखने में बगुले से बिल्कुल अलग नहीं होती इसकी शक्ल,
सफेद काले पंख ऐसे जैसे काली रात और उजला सवेरा।
सुन्दरता के लिए पहचाने जाते, लोगों को करते आकर्षित,
उमड़ती भीड़ इनके संग सेल्फ़ी लेने को रहती है ललायित,
मंदिर के आसपास कॉलोनी में बनाकर अपना आशियाना,
शोभा बढ़ाते वहांँ की, उमड़ती भीड़ को करते ये अचंभित।
किन्तु आज इन पक्षियों के अस्तित्व पर मंडरा रहा ख़तरा,
नित कई चुनौतियों का इनको सामना नित करना पड़ रहा,
शिकारी बैठे रहते हैं ताक लगाए, इनका शिकार करने को,
कम हो रही है संख्या इनकी ऐसा संकट इन पर आन पड़ा।
वृक्ष कटाई, केमिकल का प्रयोग, जलाशयों में अतिक्रमण,
लुप्त हो जाएंँगे ये पक्षी यदि किया ना गया इनका संरक्षण,
स्वार्थ पूर्ति हेतु शिकार करना, किसी गुनाह से है कम नहीं,
ज़िंदगी देने की क्षमता नहीं तो क्यों करते हैं इनका भक्षण।
