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Manju Saini

Romance

4  

Manju Saini

Romance

चाय

चाय

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बस इतनी सी बात

चाय पर हो मुलाकात…

प्रतिक्षारत रही मैं 

कि हम मिले बस अब जल्दी ही

यादो का कुहासा छाया है आज

मानो दिखाई नही दे रहा हो साफ साफ सा

पर यादें अपने उफान पर तरंगित सी हुई आज

बस इतनी सी बात

चाय पर हो मुलाकात…

यादों की गर्म सी धूप मानो खिलना चाह रही हो

आओ पास बैठ यादों को सुगंधित करे खिले पुष्प से

यादे मानो फूल पर तितली सी मंडराती हो

यादो के हरे भरे से बगीचे मे हम बैठ बातें करें

यादो का आवरण उतारें 

बस इतनी सी बात

चाय पर हो मुलाकात…

यादों का सूर्य अपने प्रताप से रोशन हुआ

मिलने की बात पर मन मे यादो का अरुणोदय हुआ

रोशनी में हम दोनो ने चाय की चुस्कियों संग बैठ

अपनी बिसरी बातों के धुंधलेपन को उकेरा

आज चाय का कप और मिलना तेरा मेरा

बस इतनी सी बात

चाय पर हो मुलाकात…



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