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GENIUS BOY RAM

Romance

4  

GENIUS BOY RAM

Romance

अनसुनी कविता

अनसुनी कविता

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बातों बात में वो बात हो जाती हैं 

जो बात नहीं क्यों,वो बात हो जाती है 

मैं उनसे मिलकर,एक बात कहना चाहता हूं


जो बात नहीं,क्यों वह बात करना चाहता हूं

 वह शख्स नहीं, खुदा का बंदगी था

 बातों बात में उसे मांगता था

 मैं फिर बांसुरी के, राग सजाना चाहता हूं 


उनसे मिलकर,एक बात कहना चाहता हूँ जो बात नहीं, 

क्यों वह बात करना चाहता हूं 

मेरे लिए खास तो नहीं,मेरी जिंदगी था 

मेरे पास तो नहीं,मेरी सांसे था              


धड़कती धड़कन में उसे,

फिर से बसाना चाहता हूं

उनसे मिलकर एक बात कहना चाहता हूं,

जो बात नहीं क्यों वो बात करना चाहता।। 


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