ऐ वतन तुझे हम इस कदर सजायेंगे
ऐ वतन तुझे हम इस कदर सजायेंगे
ऐ वतन तुझे हम इस कदर सजाईएंगे,
कि दुश्मन भी अपने वतन का नाम हिंदुस्तान रख देंगे।
थोड़ी आंधी से हम बिखर जाएंगे क्या ??
नफ़रतों के दीवारों से हम बँट जाएंगे क्या?? वर्मा,
पाक, अफगानिस्तान में तिरंगा फहराएँगे
ऐ वतन तुझे हम इस कदर सजायेंगे।
शांति का उपदेश दिया,
हमने अहिंसा का पाठ,
पढ़ाया प्रेम, राग,
बंधुता से दुनिया को परिचित करवाया इस धरा के इस ध्वज को,
तिब्बत में फहराएँगे ऐ वतन तुझे हम इस कदर सजायेंगे।।
पंजाब, सिंध, गुजरात,
मराठ केसरिया रंग जाएंगे विन्ध,
हिमाचल, यमुना,
गंगा में हरियाली छाएँगे आसमान और
धरती पर जन गन मन गाए जाएंगे,
ऐ वतन तुझे हम इस कदर सजायेंगे
हिंदुस्तान सिर्फ वतन नही,
दिल का हमारा टुकरा है
वतन के फर्ज़ को मरते दम तक निभाएँगे
ऐ वतन तुझे हम इस कदर सजाएंगे।