खुशियों का मानक ऐसा हो
खुशियों का मानक ऐसा हो
अपने हाथ रखना यारा सदा अपनी खुशियों की चाबी,
कठिन परिश्रम के बाद ही मिलती मनचाही कामयाबी !
अपना मन साफ रखो और अपने काम से काम रखो,
दूसरों की जिंदगी में ना करो बेवजह और ताका झांकी !
बुराई करना करना सामने यारा पीठ पीछे तारीफ़ करना,
दुनिया के सामने कभी दोस्तों की बखिया मत उघाड़ना !
किसी को नीचे गिराना हो तो साथ देने वाले बहुत आएंगे,
किसी की सफलता से खुश हों ऐसे लोग नहीं मिल पाएंगे !
किसी निर्दोष को ना समझ पाने की दुविधा में रह जाओगे,
एक दिन जब असलियत सामने होगी तुम बहुत पछताओगे !