परीक्षा
परीक्षा
परीक्षाओं का दौर है प्यारे,
सीखता और सिखाता चल।
चाहे हो पांव में कितने छाले,
दोस्ती दुखों से निभाता चल।।
न होती कभी ये फुलवारी,
जो कांटो का संग न होता।
जीवन में जब सदा खुशहाली,
वक्त बड़ा बदरंग ये होता।।
सौम्य,निष्ठा और समर्पण से,
जीवन अपना संवारता चल।
लाख दुख सिर आ पटके,
तू सबको ही हराता चल।।
सिंह की दहाड़ ले कर तू,
विजयी सदा ही होता चल।
वीर योद्धा सा धार अस्त्र तू,
मुश्किलों को हराता चल।।
परीक्षाओं का दौर जिंदगानी,
सजाने और संवारने को।
मत हार इनसे तू प्यारे,
खुद को तू संवारता चल।।